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कड़वा सच

‪#‎नखरे‬ तो माँ बाप उठाते है
दुनिया वाले तो बस ‪#‎उंगलिया‬  उठाते है

सब कुछ भुला के मोहब्बत करने चला था
न पता था लोग सिर्फ मिट्टी के पुतले है।

तुम भी ये सोचते होंगे ये क्या कह दिया मैंने
पर खुद ही सोचो ये, इंसान भी ज्यादा कीमत देने वाले क पास ही जाते है।

कोई नहीं समझता आजकल दिल की बात।
न किसी के लिए प्यार की कीमत है न आंसुओं की।
ना साथ की कीमत है न वादों की।
न चाहत की कीमत है न साथ बिताये पलों को।

सच कहने वाला बुरा है इस दुनिया मैं।
बातें बनाने वालो का बोलबाला है।

बस चुपचाप जिन्दा रहने की कोशिश करता हु।
कुछ रिश्ते अब भी निभाने है।

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