"कोई मंज़िल नहीं जँचती, सफ़र अच्छा नहीं लगता अगर घर लौट भी आऊँ तो घर अच्छा नहीं लगता करूँ कुछ भी मैं अब, दुनिया को सब अच्छा ही लगता है मुझे कुछ भी तुम्हारे बिन, मगर अच्छा नहीं लगता.. चल चले कही दूर वादियो तले पहाड़ो के साये में ठंडी हवाओ को चीरते हुए कही दूर.. कही दूर
A Great feeling.